The tail of three brother hindi story-Hindi kahani
तीन भाई थे उसमे
से एक मेहनती,एक अहंकारी अर एक चोर । इनमेसे सबसे धनी अहंकारी था क्यूँ की उसको
खजाना मिल गया था जिसके लिए बहत घमंडी था । चोर तो चोरी कर कर के धन का इकाठा कर
राहा था । पर जो मेहनती भाई था बो सबसे गरीब था क्यूँकी बहत मेहनत करके फसल उगता
था दिन रात मेहनत करने के बाद भी उसको सठीक
मूल्य नहीं मिल पता था । बो दोनों चोर अर अहंकारी आराम से जीबन बीता रहे थे पर
मेहनती बहत कस्ट से जीबन बीता राहा था ।
एक दिन मेहनती सुबह सुबह खेत
को गया खेती करने केलिए जब बो हल चला राहा था बो देखा एक बडा सोना का थेली कोई चोर
उसका जमीं मे गाड के चला गया हे । मेहनती बहत सच्चा आदमी था बो सोचा किसी अर का
केसे ले सकता है । तब बो सोना को पुलिस थाना ले गया जिसके कारण उसको सरकार से इनाम
मिला । इनाम को लेके खुसी खुसी घर को गया अर एक कारोबार सुरू किया । धीरे धीरे
उसका कारोबार चलने लगा अर दोनों भाई से धनी हो गया । ये देख के दोनों भाई सेह नहीं
पाए ।
अहंकारी तो जल राहा था मेहनती
का प्रगति को देखके पर चोर सोच राहा था केसे मेहनती के घर से चोरी करेगा । दोनों
भाई मिल गए अर मेहनती के राज को जानने की कोशिश कीये । उसके बाद मेहनती के घर को गए अर बोले भाई तुम एसे धनी केसे हो
गया इतने जल्दी हमे भी तो बताओ । तब मेहनती हस के बोला अरे भाईओ मे जब मेरा खेत को
हल करता हु हर दस दिन मे कुछ खजाना मिलता हे थोड़ा थोड़ा । खजाना मिला के इतने
ज्यादा हो गया कारोबार करने लगा।
ये जानने के बाद अहंकारी तो
घमंड के मारे लाल पीला होने लगा अर चोर भी सोचने लगा साला खेती मे इतना पैसा मिल
राहा है तो चोरी करके बदनाम होने का क्या जरूरत । उसके बाद दोनों भाई खेती करने
लगे अर दस दिन का इंतेजार करने लगे पर कुछ नहीं मिला । दोनों भाई सोचने लगे जेसी
करनी वेसी भरनी हम दोनों बहत गलत काम कीये है अर मेहनती किसीका बुरा नहीं सोचा,अर
अपना काम करने लगा जिसके कारण भगवान भी उसके साथ दिए अर बो हमसे धनी होगया । ये सोच के
उनलोगों को अपने गलती का एहसास हुआ अर सब मेहनत करने लगे ।
The tail of three brother
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